Kavitha Pandian
Monday, August 29, 2011
Ruk ja e zindagi
इन वादियों के बीच, ठहर जाने को जी चाहता है,
काश....
थम जाये ये ज़िन्दगी
थम जाए ये वक़्त
कुछ देर और मिले मून हैं का
मिले हो तुम थो कुछ और जीने का हैं मन....
1 comment:
Anonymous said...
fantastic
November 25, 2011 at 7:24 AM
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1 comment:
fantastic
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